दो बीजों की कहानी HINDI STORY

 

🌱 दो बीजों की कहानी

एक खेत में दो बीज साथ-साथ पड़े थे।
पहला बीज बोला, “मैं बड़ा होकर एक मजबूत पौधा बनना चाहता हूँ। मुझे सूरज की रोशनी चाहिए, मिट्टी की गर्माहट चाहिए और बारिश की बूंदें चाहिए। मैं उगने के लिए तैयार हूँ!”
और वह धीरे-धीरे मिट्टी फाड़कर बाहर आ गया।

दूसरा बीज डर गया। वह बोला,

“अगर मैं मिट्टी से बाहर आया तो कोई जानवर मुझे खा सकता है…
अगर मेरे पत्ते निकले तो हवा उन्हें तोड़ सकती है…
अगर मैं बड़ा हुआ तो बच्चे मुझे रौंद सकते हैं।
मैं सुरक्षित रहना चाहता हूँ, इसलिए मैं अभी नहीं उगूँगा।”
और वह मिट्टी में ही पड़ा रहा।

कुछ दिनों बाद एक मुर्गी आई और उसने मिट्टी में पड़े डरे हुए बीज को खा लिया।
लेकिन जो बीज साहस के साथ उगा था, वह एक सुंदर पौधा बन गया।


✨ कहानी से सीख (Moral):

जो लोग जोखिम उठाते हैं और मेहनत करते हैं, वही आगे बढ़ते हैं।
डर हमें वहीं रोके रखता है, जबकि साहस हमें सफल बनाता है।

E KAHINI HA




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